संतान परीक्षण (पीटी)

 

संतान परीक्षण (पीटी)
 

जब साँडों का मूल्यांकन उनकी बेटियों के प्रदर्शन पर किया जाता है तो प्रक्रिया को संतति परीक्षण कहा जाता है। यदि नस्ल के लिए कई गांवों में फैले पशुओं की एक बड़ी संख्या देशीय क्षेत्र में मौजूद है और इन गांवों में एआई सेवाओं को प्राप्त करने के लिए सुविधाएं हैं, नस्ल में आनुवंशिकी सुधार प्राप्त करने के लए संतति परीक्षण व्यावहारिक और सबसे अच्छा विकल्प है।

संतति परीक्षण कार्यक्रम की एक लाक्षणिक प्रजनन योजना जिसे लघु धारक उत्पादन स्थिति में अमल में लाया जा सकता है वह कुछ इस प्रकार है। श्रेष्ठ नर और मादाओं का उपयोग कर उत्पादित युवा प्रजनकों की एक विशिष्ट संख्या को परीक्षण के तहत रखा जाता है। पर्याप्त संख्या में चयनित झुंड/गांवों में परीक्षण पर रखे गये सांडों की परीक्षण खुराक वितरित की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रति साँड बेटियों के पहले दुग्ध स्त्रवण का 80 से 100 पूर्ण रिकॉर्ड साँडों के अनुमानित प्रजनन मूल्यों का उच्च विश्वसनीयता के साथ आकलन करने के लिए उपलब्ध कराया जा सके। संतति परीक्षण सांडों का सर्वश्रेष्ठ 1-10 प्रतिशत तथा रिकॉर्डड गायों का सर्वश्रेष्ठ 1-10%  बछड़ों की उपयोग अगली पीढ़ी के साँडों के उत्पादन के लिए किया जाता है। बछड़ों को दुबारा परीक्षण पर रखा जाता है और चक्र दोहराया जाता है। संतति परीक्षण के श्रेष्ठ 10-15% सांडों का प्रयोग प्रतिस्थापन बछियों के उत्पादन के लिए किया जाता है।

इस पारंपरिक संतति परीक्षण कार्यक्रम एक भिन्न प्रकार यह है कि पारम्परिक रीति से बछियों के उत्पादन के लिए श्रेष्ठ 1 से 10% संतति परीक्षण किए हुए साँडों और श्रेष्ठ 1 से 10% दर्ज मादाओं का उपयोग कर अगली पीढ़ी के साँडों के उत्पादन किया जाता है, इसमें पारंपरिक रीति से हटकर जहां केवल संतति परीक्षण किए हुए श्रेष्ठ 10 से 15% साँडों का प्रयोग प्रतिस्थापन बछियों के उत्पादन के लिए किया जाता है, इस भिन्न प्रकार में श्रेष्ठ संतति परीक्षण किए हुए प्रजनक तथा नस्लों की जानकारी के आधार पर चयनित श्रेष्ठ माताओं का प्रतिस्थापन बछियों के उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि हालांकि बछियां जिनका उपयोग बछियों से साँड के पथ पर किया जाता है का संतति परीक्षण नहीं किया जाता, फिर भी बछिया औसतन चयनित साँड की पीढ़ी से अच्छी होती है। इसका कारण है कि बछियों का उत्पादन श्रेष्ठ संतति परीक्षण किए हुए वीर्य और श्रेष्ठ दर्ज संतानों से किया जाता है। अतः बछियां पिछली पीढ़ी के संतति परीक्षण किए गए साँडों जितनी अच्छी होगी। जब बछियों का उपयोग बछिया से साँड के पथ पर किया जाता है तो केवल संतति परीक्षण किए साँडों की तुलना में पीढ़ी अंतराल एक तृतियांश से भी कम हो जाते हैं। सटीकता में कमी से अधिक महत्त्वपूर्ण है तथा बछिया कार्यक्रम की कई व्यवहारिक योजनाओं में प्राप्त आनुवंशिकी सुधार पारंपरिक संतति परीक्षण कार्यक्रम में प्राप्त जितना ही अच्छा है, यदि बेहतर नहीं ।