मीथेन उत्सर्जन में कमी

जुगाली करने वाले पशुओं के मीथेन उत्सर्जन में कमी लाना

मीथेन एक प्रबल ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) है जो जुगाली करने वाले पशुओं द्वारा आहार के एंटेरिक किण्वन के परिणामस्वरूप उत्सर्जित होती है। कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में इसकी भूमंडलीय ऊष्मीकरण की क्षमता 28 गुना अधिक होने के कारण, मीथेन को वैश्विक जलवायु परिवर्तन के लिए प्रमुख जिम्मेदार कारक के रूप में माना जाता है।

जुगाली करने वाले पशुओं में, रूमेन माइक्रोब्स जैसे बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और कवक के रूप में जीवाणु पाये जाते हैं जो पशु द्वारा खाये गए आहार को किण्वित करके वोलाटाइल फैटी एसिड (वीएफए), माइक्रोबियल प्रोटीन, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन जैसे विभिन्न उत्पादों मे विभाजित करते हैं। रुमेन की एनरोबिक स्थितियों के अंतर्गत, मेथानोजेनिक बैक्टीरिया मीथेन निर्माण के लिए हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं, जो मुख्य रूप से डकार के माध्यम से जुगाली करने वाले पशुओं द्वारा उत्सर्जित होता है। जुगाली करने वाले पशु कुल लगभग 4-12 प्रतिशत ग्रहण की गई एनर्जी को मीथेन के रूप में उत्सर्जित करके क्षय करते हैं, जो न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि इसके कारण पशुओं की एनर्जी की हानि भी होती है ।

यदि पशुओं की एनर्जी, प्रोटीन और खनिज तत्वों की उपलब्धता को अनुकूलित करके रुमेन किण्वन की दक्षता में सुधार किया जाए, तो मीथेन के रूप में ऊर्जा की हानि को कम किया जा सकता है जिससे इस ऊर्जा को दूध उत्पादन में वृद्धि के लिए परिवर्तित किया जा सकता है । दूसरे शब्दों में, पोषक तत्वों का अनुकूलन (संतुलन) एंटरिक मीथेन उत्सर्जन में कमी लाने तथा पशुओं की दूध उत्पादन में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है।

 

एनडीडीबी की पहल:

एनडीडीबी ने क्षेत्र की परिस्थितियों में डेरी पशुओं में आंत्र मीथेन उत्सर्जन के मापन हेतु एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना की है। पशु के खान-पान तथा प्रबंधन की वास्तविक परिस्थिति में ही  मीथेन उत्सर्जन की माप के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत सल्फर हेक्साफ्लोराइड (एसएफ 6) ट्रेसर तकनीक ’का उपयोग मीथेन उत्सर्जन की माप की जाती है।

देश में अधिकांश छोटे किसानों द्वारा अपनाए जाने वाले आहार के पारंपरिक तरीके में आम तौर पर एनर्जी, प्रोटीन और खनिज तत्वों का असंतुलन होता है । पशु को दिये जाने वाले इस प्रकार के आहार से  जो न केवल दूध उत्पादन की लागत बढ़ती है बल्कि प्रति किग्रा उत्पादित दूध के लिए मीथेन का उत्सर्जन भी अधिक करते हैं। इस संबंध में, एनडीडीबी ने देश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में 200 से अधिक दुधारू पशुओं पर किसानों के घर पर जाकर गाय और भैंसों  को पारंपरिक एवं साथ ही साथ पशु का आहार संतुलित कर तथा आहार खिलाने से प्राप्त होने वाले एंटीक मीथेन उत्सर्जन का अध्ययन किया ।  इन अध्ययनों से पता चला कि पशु के आहार को संतुलित कर खिलाने से प्रति किलोग्राम दूध उत्पादन पर एंटेरिक मीथेन उत्सर्जन 10-15 प्रतिशत आंत्रीय मीथेन उत्सर्जन में कमी आयी है । इसके अलावा, दूध उत्पादन की लागत में कमी आई है, दूध उत्पादन में सुधार हुआ है और डेरी किसानों की आय में वृद्धि हुई है। इस प्रकार, आहार संतुलन/पोषक तत्वों का संतुलन  आंत्रीय मीथेन उत्सर्जन में कमी लाने और छोटे धारक प्रणालियों में डेरी की स्थिरता में सुधार करने की एक महत्वपूर्ण उपाय है ।

एसएफ6 ट्रेसर तकनीक द्वारा आंत्रीय मीथेन उत्सर्जन का मापन