अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. प्राकृतिक सेवा (नेचुरल सर्विस) के प्रति कृत्रिम गर्भाधान (एआई) के क्या लाभ हैं?
    कृत्रिम गर्भाधान के साथ, एक साँड प्रति वर्ष 20,000 से अधिक गायों का प्रजनन कर सकता है जबकि प्राकृतिक सेवा के साथ 200 से अधिक गायों को प्रजनन नहीं किया जा सकता है। । इसलिए, जब कृत्रिम गर्भाधान का पालन किया जाता है, तो समान संख्या में गायों के लिए प्राकृतिक सेवा की तुलना में बहुत कम साँड की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, इससे जननांग की बीमारियों तथा हानिकारक अप्रभावी एलील्स के संचरण का खतरा बहुत कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त, एआई किफायती है । एक उच्च वंशावली साँड का उपयोग उसकी मृत्यु के बाद भी किया जा सकता है यदि उसके जमे हुए वीर्य की खुराक को संग्रहीत किया जाता है और जमे हुए वीर्य की खुराक को महाद्वीपों के बीच भी साझा किया जा सकता है।
  2. यह प्राकृतिक सेवा से कैसे अलग है?
    प्राकृतिक सेवा में गाय को प्रजनन के लिए सांड़ के पास ले जाया जाता है, जबकि कृत्रिम गर्भाधान में प्रशिक्षित एआई तकनीशियन द्वारा किसी मान्यता प्राप्त वीर्य केंद्र पर रखे गए सांड़ के हिमिकृत वीर्य डोज से गाय का गर्भाधान किया जाता है।
  3. क्या एआई बांझपन/रिपीट ब्रीडिंग का एक उपचार है?
    नहीं, कृत्रिम गर्भाधान बांझपन या रिपीट ब्रीडिंग का एक उपचार नहीं है। यह रोग मुक्त आनुवंशिक रूप से श्रेष्ठ वंशावली वाले सांड़ के वीर्य से पशु को गर्भित करने की एक कृत्रिम विधि है । यह प्राकृतिक सेवा के माध्यम से होने वाले रोगों की रोकथाम करने में मदद करता है। यदि कोई पशु बांझपन के कारण प्राकृतिक सेवा के माध्यम से गर्भित नहीं हो पा रहा है, तो वह कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से भी गर्भित नहीं हो पाएगा ।
  4. क्या पशु के एक बार गर्मी (हीट) में आने पर एक से अधिक डोज का उपयोग करने के लाभ है?
    एक हिमिकृत वीर्य डोज स्ट्रॉ (0.25 मिलीलीटर क्षमता) एक पशु के सफल गर्भधारण के लिए पर्याप्त है, यदि सही समय पर पशु के गर्मी में आने पर उत्तम गुणवत्ता के वीर्य का उपयोग करके तथा एसओपी का पालन करते हुए सही एआई तकनीक का उपयोग करके एआई किया गया है । हालांकि, कुछ मामलों में यदि गर्मी की अवधि सामान्य अवधि (12 -18 घंटे) से अधिक बढ़ा दी जाती है, तो ओव्यूलेशन में भी देरी होती है और ऐसे मामलों में, 24 घंटे के बाद दूसरे गर्भाधान की आवश्यकता हो सकती है।
  5. क्या मुझे एआई के बाद पशु को सांड़ के पास ले जाना चाहिए?
    नहीं, पशु को एआई के बाद कभी भी सांड़ के पास नहीं ले जाना चाहिए।
  6. एआई की आदर्श सफलता दर क्या है?
    40% और उससे अधिक एआई की सफलता दर आदर्श मानी जाती है।
  7. क्या एआई भैंसों में सफल है?
    हां, भैंसों में एआई गायों की तरह ही सफल है । इसमें केवल यह समस्या आती है कि वे अक्सर गर्मी में आने के लक्षण गर्मी के दौरान बहुत खुलकर प्रदर्शन नहीं करते हैं ।
  8. मेरे क्षेत्र में कई एआई सर्विस प्रदाता (Service providers) हैं, मुझे सही एआई सर्विस प्रदाता कैसे चुनना चाहिए? जब एआई तकनीशियन (एआईटी) मेरे पशु को गर्भित कर रहा है तो मुझे क्या देखना चाहिए?
    एआईटी जो, ए अथवा बी श्रेणी के वीर्य केंद्र द्वारा उत्पादित हिमिकृत वीर्य का उपयोग करता है और इसे उचित क्रायोकेन्स में स्टोर करके प्रयोग में लाता है (न कि पॉकेट या थर्मोस में अथवा पानी में या बर्फ पर), केवल उसे ही चुना जाना चाहिए । वीर्य केंद्र का नाम सीमन स्ट्रॉ पर लिखा होता है, किसानों को सांड़ की वंशावली और वीर्य केंद्र के श्रेणी का पता लगाने के लिए सायर निर्देशिका देखने का आग्रह करना चाहिए । वहीं, एआईटी द्वारा एआई किए जाने के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एआईटी एआई के एसओपी का पालन कर रहा है। उचित परिणाम पाने के लिए एआई में क्या करें और क्या न करें का पालन करने की आवश्यकता है ।
  9. गर्मी मेंआए पशुओं का पता कैसे लगाएं?एआई का सही समय क्या है?सायलेंट हीट क्या है?
    पशुओं के गर्मी में आने के स्पष्ट लक्षण देखे जा सकते हैं जैसे माउंटिंग के लिए अन्य पशुओं की ओर बढ़ते हुए, माउंटिंग के लिए खड़े होना, योनि (वल्व) में सूजन, बार-बार पेशाब करना, बेचैनी और बेलोइंग (चिल्लाना) । सर्वाइकल म्युकस डिस्चार्ज की लंबी और साफ लड़ी (स्टैंड) योनि से लटकती नजर आएंगी । पशु खाना कम कर देगी और दूध उत्पादन में कमी आ जाएगी ।गर्मी में आने का पता चलने के 12 घंटे बाद, किसी पशु का गर्भाधान करने का सही समय होता है। सुबह के समय गर्मी में पाए गए पशु का शाम को गर्भाधान करना चाहिए और शाम को गर्मी में पाए गए पशु का अगली सुबह गर्भाधान करना चाहिए। हालांकि, गर्मी में आए पशु के हीट स्टेज और रेक्टल पल्पेशन के माध्यम से सर्वाइकल डिस्चार्ज की गुणवत्ता की पुष्टि करने के बाद पशु के एआई किए जाने का अंतिम निर्णय लिया जाना चाहिए ।भैंसें अक्सर गर्मी में आने के उचित संकेत प्रदर्शित नहीं करती हैं, जिसे साइलेंट हीट कहा जाता है। साइलेंट हीट में पशु गर्मी में आने के कोई संकेत नहीं देता है अथवा कुछ ही व्यवहारिक संकेत प्रदर्शित करता है और वह भी बहुत कम अवधि के लिए।
  10. राज्य की प्रजनन नीति क्या है? इसका पालन क्यों किया जाना चाहिए?
    हर राज्य ने राज्य की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों और राज्य में विभिन्न नस्लों के वितरण के आधार पर अपनी प्रजनन नीति को निर्धारित किया है । प्रजनन नीति एक दिशानिर्देश है जिसमें यह बताया गया है कि किस राज्य की कृषि जलवायु की स्थिति में कौन सा नस्ल और नस्ल संयोजन अथवा विदेशी रक्त का स्तर सबसे उपयुक्त है । अपने पशुओं से अधिक उत्पादन प्राप्त करने और राज्य में उपलब्ध नस्ल के संरक्षण के लिए इसका पालन किया जाना चाहिए ।
  11. विभिन्न प्रकार के पशुओं के प्रजनन के लिए किस प्रकार के वीर्य का उपयोग किया जाना चाहिए? क्या एआईटी वीर्य के सभी प्रकार/नस्लों को वहन करती है ताकि मैं अपने पशु के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुन सकूं? सायर निर्देशिका क्या है? क्या यह प्रत्येक AIT के पास उपलब्ध है?
    गैर-वर्णित पशुओं के उन्नयन और अच्छी तरह से परिभाषित नस्लों के लिए उपयोग किया जाने वाला वीर्य राज्य की प्रजनन नीति के अनुसार होना चाहिए। केवल ए और बी श्रेणी के वीर्य केंद्रों से खरीदे गए वीर्य का उपयोग किया जाना चाहिए। राज्य की प्रजनन नीति के अनुसार सभी एआईटी हमेशा वीर्य नहीं ले जा सकते हैं, इसलिए एक जागरूक और प्रगतिशील किसान होने के नाते, किसी को सतर्क रहना चाहिए और साँड़ो की नस्ल, विदेशी रक्त स्तर और वंशावली विवरण जानने के लिए जोर देना चाहिए, जिसके वीर्य आपके पशु के प्रजनन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।सायर निर्देशिका एक रिकॉर्ड है जिसमें वीर्य केंद्र में प्रत्येक सांड़ की पूरी वंशावली विवरण उपलब्ध होता है । किसान एआई सांड़ के बारे में अधिक जानने के लिए इनाफ सायर निर्देशिका की जांच कर सकते हैं । आदर्श रूप में यह एआई सर्विस प्रदाता के पास उपलब्ध होनी चाहिए, यदि उपलब्ध नहीं, तो किसान सेवा प्रदाता को वीर्य केंद्र से प्राप्त करने के लिए बता सकता है।
  12. उत्तम गुणवत्ता वाला वीर्य क्या है? यह कैसे पता लगाएं कि एआईटी द्वारा उपयोग किए जाने वाले वीर्य का उत्पादन 'ए' या 'बी' श्रेणी के वीर्य केंद्र द्वारा किया गया है अथवा नहीं?
    ए और बी श्रेणी के वीर्य केंद्रों से खरीदा गया वीर्य डोज उत्तम गुणवत्ता का माना जाता है। हालांकि किसान स्ट्रॉ पर छपे बुल आईडी और वीर्य केंद्र के नाम की जांच कर सकते हैं ।सायर निर्देशिका में आमतौर पर वीर्य केंद्र को दिए गए श्रेणी का विवरण उपलब्ध होता है।
  13. पशुओं के कान में टैग क्यों लगाया जा रहा है? यह मेरे लिए कैसे फायदेमंद है?
    पशुओं के कान में टैग लगाया जाता है ताकि देश के हर पशु को एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जा सके । एक बार जब पशु के कान में टैग लगा दिया जाता है, तो उस पशु पर की गई सभी गतिविधियों (एआई, गर्भावस्था निदान, ब्यांत, दूध की रिकॉर्डिंग, टीकाकरण, स्वास्थ्य की जानकारी) को राष्ट्रीय डेटाबेस में दर्ज किया जा सकता है और प्रत्येक पशु पर किए गए सभी गतिविधियों का पूरा रिकॉर्ड होगा।इससे यह पहचानने में मदद मिलेगी कि किस सांड़ ने सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले संतानों का उत्पादन किया है और इस प्रकार पशुओं के प्रजनन के लिए सर्वश्रेष्ठ सांड़ों की मांग/चयन किया जा सकेगा । इसके अलावा, यह बीमा, खरीद और पशु की बिक्री के दौरान फायदेमंद होगा क्योंकि इससे प्रामाणिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  14. सेक्स्ड सीमन (लिंग निर्धारित वीर्य) क्या है? यह कहां उपलब्ध है?इसका क्या मूल्य है? क्या यह सभी एआई तकनीशियनों के साथ उपलब्ध है? कैसे पता लगाएं कि क्या मेरे पशु के लिए सेक्स्ड सीमन का उपयोग किया गया है? क्या यह सभी नस्लों के पशुओं और भैंसों के लिए भी उपलब्ध है? पारंपरिक वीर्य के प्रति सेक्स्ड सीमन का उपयोग करने के क्या लाभ हैं? सफलता दर क्या है?
    सेक्स्ड सीमन ऐसा वीर्य है जिसमें मुख्य रूप से एक्स या वाई जीवित शुक्राण (स्पर्मेटोजोआ) लगभग 80-90 प्रतिशत शुद्धता के साथ वांछित सेक्स की संतानों का उत्पादन करने के लिए उपलब्ध होते हैं।वर्तमान में, भारत में 5 वीर्य केंद्र सेक्स्ड सीमन का उत्पादन कर रहे हैं।सेक्स्ड सीमन रु. 900 से रु. 2,000 प्रति डोज की दर से उपलब्ध हैं । हालांकि, कुछ राज्य इसे रु.100-300 की रियायती दर पर उपलब्ध करा रहे हैं। सभी एआईटी के पास सेक्स्ड सीमन उपलब्ध नहीं होते हैं।यह पता लगाने के लिए कि सेक्स्ड सीमन का उपयोग किया गया है या नहीं, स्ट्रॉ को सेक्स्ड सीमन के स्रोत की विश्वसनीयता की जांच की जा सकती है। पशुओं (गिर, साहीवाल, थारपारकर, कांकरेज, रेड सिंधी, हरियाना, गंगातीरी, सीबीएचएफ/सीबीजे और शुद्ध एचएफ और जर्सी इत्यादि) और भैंस (मेहसाना, मुर्रा और जाफराबादी) की कुछ नस्लों के लिए सेक्स्ड सीमन उपलब्ध है। इसके अलावा, वीर्य केंद्र नस्ल की मांग पर अपने कैटलॉग में नई नस्लों को शामिल कर रहे हैं । इसके अतिरिक्त, आयातित सेक्स्ड सीमन के डोज भी कुछ संस्थाओं के पास उपलब्ध हैं।सेक्स्ड सीमन का उपयोग पारंपरिक सीमन स्ट्रॉ की तुलना में वांछित लिंग की 80-90 प्रतिशत सटीकता की गारंटी देता है जहां नर:मादा अनुपात लगभग 50:50 है।चूंकि पारंपरिक सीमन स्ट्रॉ की तुलना में सेक्स्ड सीमन स्ट्रॉ में स्पर्म कंसंट्रेशन (शुक्राणु सांद्रता) कम होता है और सेक्सिंग की प्रक्रिया से सेक्स्ड स्पर्म को काफी चोट पहुंचती है, इसलिए सामान्य वीर्य की तुलना में सेक्स्ड सीमन के साथ गर्भधारण के दर में लगभग 10 प्रतिशत की कमी होती है । परंतु, प्रौद्योगिकी और सेक्सिंग उपकरणों के विकास के साथ, गर्भाधान दर के मामले में सेक्स्ड सीमन और पारंपरिक वीर्य के बीच अंतर कम हो रहा है ।
  15. भ्रूण प्रत्यारोपण क्या है? क्या यह मेरी गाय/भैंस के गर्भधारण के लिए एआई का विकल्प के तौर पर उपलब्ध है?बार-बार एआई के बावजूद, मेरी गाय/भैंस गाभिन नहीं हो पा रही है, क्या मैं ईटी का इस्तेमाल उन्हें गाभिन करने के लिए कर सकता हूं? मुझे ईटी की सेवाएं कौन प्रदान कर सकता है?इसका मूल्य क्या है?क्या ईटी के माध्यम से बछिया के सेक्स निर्धारण का विकल्प हो सकता है?
    भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक में श्रेष्ठ गाय और सांड़ से भ्रूण उत्पादन किया जाता है तथा उसे प्राप्तकर्ता पशु, जिसे सरोगेट मां के रूप में उपयोग में लाया गया होता है में पूर्ण गर्भावस्था की अवधि के लिए प्रत्यारोपित कर दिया जाता है । एमओईटी अथवा आईवीएफ तकनीक के माध्यम से भ्रूणों का उत्पादन किया जा सकता है। ईटी आनुवंशिक रूप से श्रेष्ठ मादाओं की प्रजनन दर में वृद्धि करने की एक तकनीक है जिससे पशु के जीवनकाल में सामान्य प्रजनन प्रक्रिया की तुलना में अधिक बछड़ों/बछियों को प्राप्त किया जा सकता है।नहीं, ईटी पशु को गाभिन करने के लिए एआई का विकल्प नहीं है। यदि बार-बार एआई के बावजूद, आपकी गाय/भैंस गाभिन नहीं हो रही है, तो ईटी द्वारा इसको गाभिन किए जाने की संभावना नहीं है । ईटी के लिए, एक प्रजनन के लिहाज से स्वस्थ पशुओं की आवश्यकता होती है ।वर्तमान में, कुछ संस्थाएं (एसएजी, बीडज; जेके ट्रस्ट, पुणे इत्यादि) सीमित स्तर पर किसानों को ईटी की सेवाएं प्रदान कर रही हैं । एनडीडीबी भ्रूण प्रत्यारोपण सुविधा पर अनुसंधान और विकास संचालन के साथ प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराती है। इसके अलावा, भारत में कुछ संस्थाओं जैसे एसएजी बीडज, कालसी यूएलडीबी, पीबीजीएसबीएस हरिनघाटा, पीएलडीबी पंजाब, जीएडीवीएएसयू पंजाब, पालमपुर एचपीएलडीबी, एनडीआरआई करनाल, निब्लेट बाराबंकी यूपीएलडीबी, एमपीएसएलपीडीसी भदभदा, बायफ पुणे, लाम फार्म गुंटूर, मुत्तुपप्टी केएलडीबी, डीएलएफ होसुर टीएनएलडीए इत्यादि द्वारा ईटी को मुख्य रूप से अपने संस्थागत उद्देश्य के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।हां, ईटी बछड़े/बछिया के सेक्स निर्धारण का विकल्प प्रदान करता है, यदि सेक्स्ड सीमन का इस्तेमाल वीर्य गर्भाधान के लिए किया जाता है।एआई गन का उपयोग करके भ्रूण का प्रत्यारोपण नहीं किया जा सकता है और इसके लिए विशेष प्रत्यारोपण उपकरण की आवश्यकता होती है, जिसे ईटी गन/सिरिंज कहा जाता है । इसलिए कि यदि कोई व्यक्ति भ्रूण की उपलब्धता का दावा करता है और इसे आपके पशु में प्रत्यारोपित करने का प्रस्ताव करता है, तो उस पर विश्वास न करें। उसकी पहचान और विश्वसनीयता की ठीक से जांच करें।
  16. संतान परीक्षण क्या है? सभी नस्लों में पीटी क्यों नहीं किया जाता है? पीटी के बिना प्रजनन सांड़ का चयन कैसे करें? किसानों को उनके क्या फायदे हैं?
    संतान परीक्षण (पीटी) कार्यक्रम अपनी संतानों के प्रदर्शन के आधार पर सांड़ का मूल्यांकन करने की वैज्ञानिक रूप से सिद्ध प्रक्रिया है अर्थात् अपनी पुत्रियों का प्रदर्शन है । इसमें आनुवंशिक रूप से अगली पीढ़ी के श्रेष्ठ पशुओं के उत्पादन हेतु श्रेष्ठ आनुवंशिक गुण के सांड़ों का मूल्यांकन और चयन किया जाता है।निम्नलिखित दो उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग किया जाता है अगली पीढ़ी के सांड़ों के उत्पादन हेतु शीर्ष सत्यापित सांड़ों का श्रेष्ठ प्रजनन मूल्य वाली दूध उत्पादक मादा गायों के साथ प्रजनन कराया जाता है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहती है ।इस प्रकार उत्पादित सांड़ों का उपयोग वीर्य उत्पादन के लिए किया जाता है जिनका उपयोग सामान्य एआई कार्यक्रम में आनुवंशिक रूप से श्रेष्ठ पशुओं की अगली पीढ़ी के उत्पादन के लिए किया जाता है ।पीटी कार्यक्रम एक व्यापक और महंगा कार्यक्रम है। सांड़ के सत्यापन में 8 से 9 वर्ष का समय लगता है। इसके अलावा, एक सघन क्षेत्र में उचित प्रजनन योग्य मादा आबादी की आवश्यकता है ताकि परीक्षण के अंतर्गत रखे गए सांड़ के लिए परीक्षण डोज को वितरण किया जा सके । पीटी कार्यक्रम गिर, साहीवाल, जर्सी, एचएफ संकर, जर्सी संकर, मुर्रा और मेहसाना जैसे नस्लों के लिए चलाया जा रहा है।जिन नस्लों में एआई लोकप्रिय नहीं है तथा पर्याप्त एआई बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है, उनमें साँड माता पशु के प्रदर्शन के आधार पर सांड़ों का चयन किया जाता है । इस प्रक्रिया को वंशावली चयन के रूप में जाना जाता है।
  17. हम संतान परीक्षण में पुत्रियों के दूध को रिकॉर्ड क्यों करते हैं?
    पीटी कार्यक्रम में टेस्ट बुल का मूल्यांकन अपनी पुत्रियों के प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। इसलिए सांड़ों के सटीक मूल्यांकन के लिए उनकी पुत्रियों के दूध उत्पादन का रिकॉर्ड आवश्यक है ।इसलिए हम अपने नर पशु में दूध उत्पादन के लिए जिम्मेदार जीन की श्रेष्ठता की जांच करने के लिए पुत्रियों के दूध को रिकॉर्ड करते हैं ।
  18. सामान्य रूप से दूध रिकॉर्डिंग किसान की मदद कैसे करती है?
    दूध की रिकार्डिंग से किसान को अपने पशु का पूरा दुग्धकाल का रिकॉर्ड प्राप्त करने में मदद मिलती है। उसे अपने पशु झुंड और गांव के अन्य पशुओं के प्रदर्शन की तुलना में अपने पशु के प्रदर्शन का भी अनुमान हो जाता है । इस जानकारी से उसे पशु के संबंध में निर्णय लेने जैसे उस पशु को रखना, उसकी कलिंग करना या झुंड के प्रतिस्थापन के उत्पादन के लिए इसका इस्तेमाल करना है ।
  19. विभिन्न लक्षणों जैसे शारीरिक बनावट, दूध के घटक, वृद्धि दर को क्यों मापा जा रहा है?
    पशु के प्रदर्शन को जानने के लिए दूध उत्पादन मात्र एक मापदंड नहीं है । दूध की जांच अन्य दूध घटकों जैसे वसा (फैट) प्रतिशत, प्रोटीन और लैक्टोज की मात्रा के लिए भी की जानी चाहिए क्योंकि ये मापदंड दूध का बाजार भाव निर्धारित करते हैं ।पशु के शारीरिक बनावट और वृद्धि दर का दूध उत्पादन और प्रजनन से संबंधित लक्षण से अधिक सकारात्मक सह-संबंद्ध है।
  20. पीटी और पीएस परियोजनाओं के अंतर्गत मेरे पशुओं का रोगों के लिए परीक्षण क्यों किया जा रहा है?
    पीटी और पीएस परियोजनाओं को श्रेष्ठ आनुवंशिक गुण वाले (एचजीएम) सांड़ों के उत्पादन के लिए क्रियान्वित किया जा रहा है जिनका उपयोग वीर्य उत्पादन के लिए किया जाता है और रोग मुक्त वीर्य का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए, यह आवश्यक है कि पशु कुछ रोगों से मुक्त हों जो वीर्य के माध्यम से फैल सकते हैं, इसलिए जब भी एचजीएम सांड़ का उत्पादन किया जाता है, तो सांड़ बछड़े के साथ-साथ उसकी मां की जांच उनकी रोग मुक्त स्थिति की पुष्टि करने के लिए की जाती है ।
  21. क्या रक्त संग्रह पशु के लिए हानिकारक है?
    नहीं। रक्त संग्रह से पशुओं को कोई हानि नहीं होती है। कुछ बीमारियों के लिए पशुओं की जांच करने हेतु पशुओं से बहुत कम मात्रा में रक्त संग्रह किया जाता है। इससे उन पशुओं की पहचान करने में मदद मिलती है जो अगली पीढ़ी के पशुओं या मनुष्यों में बीमारियां फैला सकते हैं। पीटी परियोजनाओं में, कुछ पुत्रियों और नामित एआई से पैदा हुए सभी नर बछड़ों के रक्त का भी संग्रह किया जाता है ताकि उनके पितृत्व का सत्यापन किया जा सके । सांड़ों का मूल्यांकन उनकी पुत्रियों के प्रदर्शन के आधार पर सुनिश्चित करने के लिए तथा वीर्य उत्पादन हेतु वास्तव में श्रेष्ठ माता-पिता के सांड़ बछड़ों का चयन सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। नस्ल की शुद्धता, आनुवंशिक विकार, जीनोमिक प्रजनन मूल्य का अनुमान करने इत्यादि के लिए रक्त की आवश्यकता जांच करने के लिए होती है।
  22. किसी डेरी पशु खरीदते समय किस बात पर ध्यान दिया जाता है?
    डेरी पशु को खरीदते समय, संकर नस्ल के संबंध में विदेशी रक्त का स्तर, दूध उत्पादन, दुग्धकाल की संख्या, वंशावली का विवरण, रोग और स्वास्थ्य की स्थिति, थन के स्वास्थ्य की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए विश्वसनीय स्रोत के बारे में पता करें। गर्भवती पशुओं के मामले में गर्भावस्था की स्थिति और दूध देने वाले पशुओं के मामले में दूध उत्पादन को सत्यापित करना आवश्यक है।। इसके अलावा, पशु क्रियाशील होना चाहिए, पैर पीछे की ओर से सीधा और मजबूत होना चाहिए। चेस्ट (छाती) चौड़ी होनी चाहिए। शरीर, एक तरफ से देखने पर मेखाकार (wedge shaped) होना चाहिए। इसमें अतिरिक्त, फैट नहीं जमा होना चाहिए क्योंकि इससे प्रजनन दक्षता प्रभावित हो सकती है। उत्तम डेरी पशु का शरीर आमतौर पर थोड़ा पतला होता है और कूल्हे की हडडिया चौड़ी और मजबूत होती हैं।
  23. किफायती पशु कौन है?
    किफायती पशु एक ऐसा पशु है जो एक वर्ष में एक बछड़ा/बछड़ी पैदा करता है, उसमें रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता होती है तथा कम से कम लागत यानी प्रति लीटर दूध उत्पादन लागत न्यूनतम होती है
  24. देशी नस्लें में सुधार करना क्यों आवश्यक है? महत्वपूर्ण देशी नस्लें कौन-कौन सी हैं और वे कहां उपलब्ध हैं?
    देशी नस्लें हमारी मौजूदा कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल हैं और कई उष्णकटिबंधीय रोगों के लिए प्रतिरोधी हैं और सीमांत और खराब फ़ीड और चारा संसाधनों पर जीवित और उत्पादन कर सकती हैं। इनमें कुछ नस्लें अपने अधिक दूध और फैट उत्पादन के लिए जानी जाती हैं । परंतु, चयन के अभाव में समय के साथ-साथ इन पशुओं के दूध उत्पादन क्षमता में कमी आती गई है। श्रेष्ठ उत्पादक विदेशी नस्लों में उपर्युक्त विशेषताएं उपलब्ध नहीं हैं और गर्म जलवायु वाले भारतीय परिस्थितियों में इनका प्रबंधन करना बहुत कठिन है। इसलिए देशी नस्लों में सुधार किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण देशी दुधारू पशु नस्लें साहीवाल, पंजाब में; गिर और कांकरेज, गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में; थारपारकर, राजस्थान के जोधपुर और जैसलमेर जिलों में; राठी, राजस्थान के बीकानेर और गंगानगर जिलों में और रेड सिंधी, उत्तराखंड में पाई जाती हैं; जबकि भैंस की नस्लें मुर्रा, हरियाणा , पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में और महेसाना, जाफराबादी, बन्नी गुजरात में, नीली-रावी पंजाब में और पंढरपुरी महाराष्ट्र में पाई जाती हैं ।
  25. अपने पशु की प्रजनन दक्षता में सुधार कैसे करें?
    प्रजनन दक्षता, पशुओं के आहार और प्रबंधन का एक फंक्शन है। स्वस्थ पशुओं में प्रजनन दक्षता अधिक होती है। इसलिए अधिक प्रजनन दक्षता के लिए, पशुओं को उनके जीवन चक्र के चरण के आधार पर अच्छी तरह से संतुलित आहार खिलाया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, गर्मी में आने का सही पता लगाना, गर्भाधान का उचित समय, गर्भाधान की उचित तकनीक, उपयोग किए जाने वाले वीर्य की गुणवत्ता भी प्रजनन दक्षता को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण घटक हैं। प्रजनन संबंधी रोग केवल पशुओं के छोटे प्रतिशत (15-20 प्रतिशत) में बांझपन का कारण हैं।
  26. मैं अपने वर्तमान पशुओं से अधिक उत्पादन क्षमता का संतान कैसे प्राप्त कर सकता हूं?
    श्रेष्ठ उत्पादक माता-पिता की संतानें अधिक उत्पादक होती हैं । इसलिए वर्तमान मादा पशुओं को दूध उत्पादन के लिए श्रेष्ठ आनुवंशिक गुण वाले सांड़ों के वीर्य का उपयोग करके संतान पैदा करना चाहिए । इससे अधिक उत्पादन और उत्पादकता वाले संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है। अपने पशु के प्रजनन के लिए उपयोग किए जाने वाले वीर्य को 'ए' या 'बी' श्रेणी के वीर्य केंद्र से उत्पादित विश्वसनीय स्रोत से प्राप्त करने की आवश्यकता है तथा प्रजनन नीति का पालन किया जाना चाहिए।
  27. डेरी के लिए सबसे उपयुक्त पशु कौन सा है - देशी गाय, संकर नस्ल की गाय या भैंस?
    पशु नस्ल या नस्ल संयोजन का विकल्प मुख्य रूप से संसाधन की उपलब्धता, जलवायु परिस्थितियों, आवश्यक इनपुट (आहार और स्वास्थ्य के देखभाल की सुविधाओं) की उपलब्धता, दूध के लिए बाजार की उपलब्धता, दूध के मूल्य का निर्धारक मापदंड इत्यादि पर निर्भर करता है । संसाधन की कम उपलब्धता की स्थितियों में देशी गायों या भैंसों को पसंद किया जा सकता है, जबकि मध्यम से उत्तम संसाधनों की उपलब्धता होने पर संकर नस्ल के गायों को प्राथमिकता दी जा सकती है । ऐसे स्थानों पर जहां फैट प्रतिशत ही मूल्य का मापदंड है, वहां भैंसों को प्राथमिकता दी जा सकती है ।
  28. क्या बेहतर है - जर्सी संकर पशु अथवा एचएफ संकर पशु? विदेशी रक्त का कितना प्रतिशत एक संकर नस्ल के पशु के लिए आदर्श है और क्यों?
    किसी व्यक्ति को किसी नस्ल पर निर्णय लेने से पहले संसाधन की उपलब्धता पर विचार करना चाहिए। यदि कम से मध्यम संसाधन उपलब्ध हो और जलवायु अधिक नमी वाली हो तो जर्सी संकर नस्ल उपयुक्त हैं । यदि आहार और प्रबंधन में कोई समस्या नहीं है, तो एचएफ संकर नस्ल की गायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। फिर यदि, श्रेष्ठ फैट सामग्री वाले दूध की मांग है, तो संकर नस्ल अनुपयोगी होगी । अपनी जलवायु परिस्थितियों के अनुसार हमें 50 प्रतिशत विदेशी नस्ल वाले संकर पशुओं का पालना चाहिए क्योंकि विदेशी रक्त के स्तर में वृद्धि होने के साथ पशुओं में बीमारियों और हीट स्ट्रेस का खतरा अधिक होगा । ऐसे पशुओं का प्रबंधन करना कठिन हो जाएगा।
  29. एआई से जुड़े कुछ अंधविश्वास/मिथक हैं कि इससे केवल नर बछड़ों, कमजोर बछड़ों का का उत्पादन होता है तथादूध उत्पादन इत्यादि में कमी आती है।ऐसे मिथकों पर विश्वास करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं । अधिक संख्या में अवलोकनों का विश्लेषण करने पर यह पाया गया है कि एआई का नर पशु मादा पशु अनुपात, बछड़े का जन्म के समय वजन अथवा वर्तमान मादा पशु के दूध उत्पादन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है ।