कार्यशील पूँजी ऋणों पर ब्याज सहायता

भारत सरकार ने “कार्यशील पूंजी ऋणों पर ब्याज सहायता”"की योजना की शुरुआत वर्ष 2020-21 में रु 203 करोड़ के परिव्यय केसाथ की थी। इस योजना को 2021-22 से 2025-26 तक रु. 500 करोड़ के परिव्यय के साथ आगे बढ़ा दिया गया है । वर्तमान में भारत सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए योजना की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। उत्पादक स्वामित्व वाले संस्थान (Producers Owned Institutions) – जैसे की दूध संघ, दूध महासंघ, दूध उत्पादक कंपनियाँ –कोविड - 19 के कारण हो रही लिक्विडिटी की समस्या को दूर करने हेतु इस योजना का लाभ ले सकते हैं। यह योजना पशुपालन और डेरी विभाग, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।
इस योजना के तहत, पात्र संगठनों को सुरक्षित / असुरक्षित कार्यशील पूंजी ऋण पर 2% प्रतिवर्ष ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी । शीघ्र और समय पर पुनर्भुगतान के लिए ऋण पुनर्भुगतान अवधि के अंत में अतिरिक्त 2% ब्याज सहायता देय होगी ।