नस्लें
भारत समृद्ध जैव-विविधता युक्त बड़ी देशी गोजातीय आबादी वाला देश है । यहां गाय की 40 तथा भैंसों की 13 भली भांति परिभाषित नस्लें हैं । कठोर जलवायु परिस्थ्ितियों में अपने अनुकूलन के कारण जीवित रहना, खराब गुणवत्ता वाले आहार एवं चारे पर उत्पादन की योग्यता, रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता इत्यादि गुणों के कारण कई पीढि़यों में इन नस्लों का विकास हुआ है ।
इस प्रकार की नस्लों की संख्या में कमी का प्रमुख कारण इनको उत्पादकता में कमी आना है जो कि किसानों के लिए लाभकर नहीं स्थिति है । इसलिए इसका समाधान दूध उत्पादकता के लिए इन नस्लों की आनुवंशिक क्षमता में वृद्धि करने में निहित है । इस दिशा में व्यवस्थित प्रयासों से न केवल इन नस्लों की उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि इससे उनकी पुन: हानि को भी रोका जा सकेगा ।
विकास एवं संरक्षण के दोहरे उददेश्यों के साथ्, एनडीडीबी ने चुनी हुई देशी नस्लों की आनुवंशिक योग्यता में वृद्धि संबंधी कार्यक्रमों की शुरूआत की है । इनके द्वारा गाय-भैंसों की हमारी देसी नस्लों की उत्पादकता में वृद्धि होने की संभावना है ।
भारत में गायों की नसलें (40 नस्लें):
क्रम सं. |
नस्ल |
गृह क्षेत्र |
1 |
अमृत महल |
कर्नाटक |
2 |
बाचौर |
बिहार |
3 |
बरगुर |
तमिलनाडु |
4 |
डांगी |
महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश |
5 |
दियोनी |
महाराष्ट्र तथा कर्नाटक |
6 |
गोलो |
महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश |
7 |
गिर |
गुजरात |
8 |
हालीकर |
कर्नाटक |
9 |
हरियाना |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान |
10 |
कंगायम |
तमिलनाडु |
11 |
कांकरेज |
गुजरात तथा राजस्थान |
12 |
केनकथा |
उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश |
13 |
खेरीगढ़ |
उत्तर प्रदेश |
14 |
खिल्लार |
महाराष्ट्र तथा कर्नाटक |
15 |
कृष्णा वैली |
कर्नाटक |
16 |
मालवी |
मध्य प्रदेश |
17 |
मेवाती |
राजस्थान, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश |
18 |
नागोरी |
राजस्थान |
19 |
निमाड़ी |
मध्य प्रदेश |
20 |
ओंगोल |
आंध्र प्रदेश |
21 |
पोनवार |
उत्तर प्रदेश |
22 |
पुंगानूर |
आंध्र प्रदेश |
23 |
राठी |
राजस्थान |
24 |
रेड कंधारी |
महाराष्ट्र |
25 |
रेड सिंधी |
केवल संगठित फार्मों पर |
26 |
साहिवाल |
पंजाब तथा राजस्थान |
27 |
सिरी |
सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल |
28 |
थारपारकर |
राजस्थान |
29 |
अंबल्येचरी |
तमिलनाडु |
30 |
वेचूर |
केरल |
31 |
मोटू |
उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा आंध्र प्रदेश |
32 |
घुमुसारी |
उड़ीसा |
33 |
बिंझारपुरी |
उड़ीसा |
34 |
खारीयार |
उड़ीसा |
35 |
पुलीकुलम |
तमिलनाडु |
36 |
कोसाली |
छत्तीसगढ़ |
37 |
मलनाड गिद्दा |
कर्नाटक |
38 |
बेलाही |
हरियाणा तथा चंड़ीगढ़ |
39 |
गंगा तिरी |
उत्तर प्रदेशतथा बिहार |
(विस्तृत विवरण के लिए एजीआरआई-आईएस,आईसीआरए-एनबीएजीआर, करनाल)
भारत में भैंसों की नस्लें (13 नस्लें):
क्रम सं. |
नस्ल |
गृह क्षेत्र |
1 |
भदावरी |
उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश |
2 |
जाफराबादी |
गुजरात |
3 |
मराठवाड़ी |
महाराष्ट्र |
4 |
महेसाना |
गुजरात |
5 |
मुर्रा |
हरियाणा |
6 |
नागपुरी |
महाराष्ट्र |
7 |
नीली रावी |
पंजाब |
8 |
पंधरपुरी |
महाराष्ट्र |
9 |
सुर्ती |
गुजरात |
10 |
टोडा |
तमिलनाडु |
11 |
बन्नी |
गुजरात |
12 |
चिलिका |
ओडिशा |
13 |
कालाहांडी |
ओडिशा |
(विस्तृत विवरण के लिए एजीआरआई-आईएस,आईसीआरए-एनबीएजीआर, करनाल)