एनडीडीबी, आणंद में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेरी मंत्री ने प्रदान किया ‘गोपाल रत्न पुरस्कार‘

डॉ वर्गीज कुरियन जन्म शताब्दी समारोह

एनडीडीबी, आणंद में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेरी मंत्री ने प्रदान किया ‘गोपाल रत्न पुरस्कार‘

आणंद, 26 नवंबर, 2021। पशुपालन और डेरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेरी मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और अन्य संस्थान - जीसीएमएमएफ लिमिटेड, कैरा मिल्क यूनियन (अमूल डेरी), एनसीडीएफआई लिमिटेड, आईआरएमए, मदर डेरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड, आईडीएमसी लिमिटेड, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, एनडीडीबी डेरी सर्विसेज और आनंदालय ने संयुक्त रूप से (एनडीडीबी) राष्ट्रीय दूध दिवस 26 नवंबर 2021 को एनडीडीबी टीके पटेल सभागार में डॉ वर्गीज कुरियन की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में मनाया।

समारोह के दौरान, केंद्रीय पशुपालन और डेरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने देसी गाय व भैंस की नस्लों के पशुपालकों को सर्वश्रेष्ठ डेरी किसान, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और सर्वश्रेष्ठ डेरी सहकारी समिति (डीसीएस), दुग्ध उत्पादक कंपनी, देश में डेरी किसान उत्पादक संगठन विजेताओं को गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।

साथ ही रूपाला ने धामरोद, गुजरात और हेसरगट्टा, कर्नाटक में आईवीएफ लैब और स्टार्ट-अप ग्रैंड चौलेंज 2.0 का उद्घाटन किया। उन्होंने एनडीडीबी और आईडीएमसी लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए दूध निकालने वाली मशीनों वाली मोटरसाइकिलें मिल्कोबाइक्स को झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर उन्होंने नस्ल सुधार योजना और शहरी किट जैविक खाद के लिए एनडीडीबी द्वारा विकसित वेब पोर्टल का भी शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री ने डॉ वर्गीज कुरियन की पुत्री श्रीमती निर्मला कुरियन द्वारा उनके जीवन पर लिखी पुस्तक का विमोचन भी किया। समारोह के दौरान 1990 के दशक के प्रतिष्ठित टीवी कमर्शियल - दूध दूध पियो ग्लास फुल का रीमेक और डॉ कुरियन पर एक श्रद्धांजलि फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेरी राज्य मंत्री, डॉ संजीव कुमार बाल्यान और डॉ एल मुरुगन, सांसद मितेश पटेल, सचिव, पशुपालन और डेरी विभाग अतुल चतुर्वेदी, अध्यक्ष, एनडीडीबी मीनेश शाह, संयुक्त सचिव, डीएएचडी, भारत सरकार वर्षा जोशी, प्रबंध निदेशक जीसीएमएमएफ डॉ आरएस सोढ़ी और निर्मला कुरियन भी इस अवसर पर उपस्थित थें।

इस अवसर पर रूपाला ने डॉ. कुरियन की जन्मशती के उपलक्ष्य में आणंद में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के आयोजन के लिए एनडीडीबी की सराहना करते हुए कहा कि गोपाल रत्न पुरस्कार किर्तीमान स्थापित करने के साथ ही सर्वोत्तम कार्यप्रणाली और नवाचार को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि डॉ. कुरियन वोकल फॉर लोकल विचारधारा के लिए मुखर थे। अमूल के सहकारी मॉडल ने किसानों में आत्मविश्वास जगाया है।

बाल्यान ने कहा कि राष्ट्र डॉ कुरियन को याद करते हुए गौरवान्वित है। हम सभी जानते हैं कि दुग्ध सहकारी समितियों ने डेरी उद्योग की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ कुरियन स्वयं एक संस्था थे। उन्होंने नवाचार पर बल दिया उसी अनुरूप एनडीडीबी द्वारा उस परंपरा को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा रहा है।

डॉ मुरुगन ने कहा कि डॉ कुरियन दूरदर्शी थे और उन्होंने देश के किसानों के उत्थान और लाखों बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इस अवसर पर चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ. कुरियन के असाधारण नेतृत्व गुणों और प्रतिबद्धता से लाखों दूध उत्पादकों के जीवन में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि डेरी सहकारी समितियों की खूबी यह है कि वे उपभोक्ता रुपये का 70-80 प्रतिशत डेरी किसानों को वापस कर देती हैं। उन्होंने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के लिए माननीय प्रधान मंत्री के आह्वान को दोहराया।

अध्यक्ष, एनडीडीबी ने कहा कि डॉ कुरियन एक महान संस्था निर्माता थे और हम इस महान दूरदर्शी की उपलब्धियों का उत्सव मना रहे हैं, जिन्होंने डेरी किसानों को उनके द्वारा बनाए गए संसाधनों पर नियंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि एनडीडीबी डेरी उद्योग में लगातार नवीन और व्यावसायिक रूप से अनुकूल समाधानों की ओर अग्रसर है।

वर्षा जोशी ने कहा कि डॉ कुरियन हमेशा मानते थे कि सहयोग उद्यम का पसंदीदा रूप है। आज हम उनके पदचिन्हों पर गर्व से चल रहे हैं।

डॉ आरएस सोढ़ी ने कहा कि डॉ कुरियन ने बरसों पहले जो सिखाया और उपदेश दिया वह आज और अधिक प्रासंगिक है। अमूल उत्पाद उनकी वोकल फॉर लोकल दृष्टिकोण का परिणाम है। मूल्य प्रणाली के लिए उनकी प्रतिबद्धता ने सभी को प्रेरित किया है।

इससे पूर्व, डॉ कुरियन की 100वीं जयंती पर एनडीडीबी के संस्थापक अध्यक्ष को सम्मानित करने के लिए 200 मिलियन कदमों के लक्ष्य के साथ वॉकथॉन - कदम फॉर कुरियन प्रारंभ हुआ। वॉकथॉन के दौरान, लोग जीसीएमएमएफ, ग्रामीण प्रबंधन आनंद संस्थान (आईआरएमए), आनंदालय स्कूल और एनसीडीएफआई के माध्यम से अमूल डेरी से एनडीडीबी परिसर तक पैदल पहुंचे। हर क्षेत्र के लोगों के पदचिन्हों को कदमफोर कुरियन ऐप के जरिए रिकॉर्ड किया गया। वॉकथॉन का समापन डॉ. कुरियन के मानव चित्र के निर्माण से हुआ।

माननीय केंद्रीय मंत्री ने डॉ कुरियन की स्मृति में एनडीडीबी द्वारा आयोजित कविता, निबंध, पोस्टर, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। जीसीएमएमएफ लिमिटेड द्वारा आयोजित डॉ कुरियन शताब्दी क्रिकेट टूर्नामेंट के विजेता और उपविजेता को भी श्री रूपाला ने पुरस्कृत किया मिला।

हेल्पएज इंटरनेशनल के चेयरमैन अरुण मैरा ने आईआरएमए द्वारा आयोजित डॉ कुरियन मेमोरियल व्याख्यान दिया। बोर्ड सदस्य, आरबीआई सतीश मराठे, और कार्यकारी उपाध्यक्ष, आंध्र प्रदेश रायथु साधिका संस्था विजय कुमार टी द्वारा विशेष वार्ता का भी आयोजन किया गया।