Speech of Chairman, NDDB Cooperative Dairy Conclave 2022 East and North East Regions in Gangtok, Sikkim 7 October 2022

आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, माननीय केन्द्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री, Shri Amit Shah ji

सिक्किम के माननीय मुख्यमंत्री, Shri Prem Singh Tamang ji

माननीय केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेरी राज्य मंत्री, Dr Sanjeev Kumar Balyan ji

सिक्किम के माननीय सहकारिता, ग्रामीण विकास एवं ecclesiastical मंत्री Ven Sonam Lama ji

सिक्किम के माननीय , पशुपालन, पशुचिकित्सा, कृषि, बागवानी तथा श्रम मंत्री, Shri Lok Naath Sharma ji

सचिव, सहकारिता मंत्रालय, Shri Gyanesh Kumar ji

Shri Mangal Jit Rai, अध्यक्ष, NCDFI,

Shri KC Supekar, प्रबंध निदेशक, NCDFI

विभिन्न डेरी सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, अन्य अधिकारी एवं सभी प्रतिष्ठित प्रतिभागी एवं यहाँ आये किसान भाईयों और बहनों
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सबसे पहले मैं East & North East regions के लिए आयोजित इस Cooperative Dairy Conclave के आयोजन के लिए NCDFI और Sikkim Milk Union को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ देना चाहूँगा क्योंकि हमारा पूरा मानना है कि dairy cooperatives के माध्यम से इस क्षेत्र को विकसित करने अपार संभावनाएं हैं। हमारे देश के पूर्वी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र दोनों में natural resources, mineral और forest wealth, fertile land प्रचुर मात्रा में हैं।

इस क्षेत्र में focussed interventions इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पूरे समाज और देश को एक साथ प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहने की जरूरत है जिससे हर क्षेत्र का का संतुलित विकास (Balanced Development ) हो।

जैसा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री की संकल्पना है, North East निश्चित रूप से यह क्षेत्र आने वाले समय में भारत का growth engine बन सकता है और जिस प्रकार पिछले कुछ वर्षों से सरकार, देश के इस हिस्से में connectivity, परिवहन और बुनियादी सुविधाओं में सुधार पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रही है, मुझे विश्वास है कि यह क्षेत्र न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे उपमहाद्वीप के लिए एक प्रमुख व्यापार केंद्र बन सकता है।

डेयरी सेक्टर का इतिहास हमारे देश में काफी गौरवशाली रहा है और पिछले दिनों में सम्पन्न हुए World Dairy Summit 2022 के दौरान हम पूरे विश्व में इस संदेश को पहुंचाने में भी सफल रहे हैं कि डेयरी हमारे लिए बस nutrition का साधन नहीं है बल्कि हमारे करोड़ों किसान भाइयों और बहनों की आजीविका और overall socio-economic development में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

Eastern और North Eastern region में डेयरी सेक्टर का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि:

    • यहाँ पशुपालन और डेरी क्षेत्र के लिए आवश्यक प्राकृतिक संसाधन भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं। 
    • इन दोनों ही क्षेत्रों में अधिकांश आबादी मुख्य रूप से कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर निर्भर है। 
    • इन किसानों को पशुपालन और डेरी क्षेत्र से जोड़ कर रोजगार का एक स्रोत दिया जा सकता है जिससे इनकी आय में काफी वृद्धि की जा सकती है 

अगर छोटे दूध उत्पादकों के हितों की रक्षा करनी है सहकारी संस्था से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता है । आज का कॉन्क्लेव eastern और north eastern राज्यों को अपने-अपने क्षेत्रों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान में सहकारी समितियों के महत्व को समझने का एक अच्छा अवसर देता है।

पूर्व और उत्तर पूर्व राज्यों के डेयरी के माध्यम से विकास एनडीडीबी के लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है और एनडीडीबी ने भारत सरकार और राज्य सरकारों के सहयोग से और अपनी योजनाओं के माध्यम द्वारा कई focused interventions किए है।

  • Western Assam Milk Union और झारखंड मिल्क फ़ैडरेशन का एनडीडीबी के द्वारा प्रबंधन। जब एनडीडीबी ने इनके प्रबंधन की बागडोर संभाली, यहाँ का डेयरी क्षेत्र अविकसित था और किसानों के लिए डेयरी कोई महत्वपूर्ण गतिविधि नहीं थी। structured और focussed interventions के साथ जब किसानों को transparent और fair तरीके से market access दिया गया तो यहाँ भी डेयरी इनकी आजीविका का महत्वपूर्ण साधन बन गया है। 
  • आज झारखंड मिल्क फ़ैडरेशन 2500 से ज्यादा गाँव में काम कर रहा है और WAMUL भी करीब 1500 गाँव में काम कर रहा है। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है की एनडीडीबी असम सरकार के साथ इसे और आगे ले जाने के लिए एक joint venture company का भी गठन कर रही है साथ ही साथ East Assam Milk Producers’ Cooperative Union Limited के संचालन और प्रबंधन की ज़िम्मेदारी भी अगले पाँच सालों के लिए NDDB को दी गयी है।  
  • East तथा North-Eastern Region में पशुपालन और डेरी क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए productivity enhancement के लिए भी कई scientific interventions किए जा रहे हैं। जहां एक ओर वृहद पैमाने पर Artificial Insemination की जा रही है वहीं एनडीडीबी द्वारा एक AI training centre भी बनाया जा रहा है। बिहार में पुर्णिया जिले में एक semen station भी बनाया गया है ।  
  • आगे भी इस क्षेत्र के लिए कई नयी schemes क्रियान्वित की जानी है- जैसे बिहार में JICA funded ‘Dairy Through Cooperative’ और सिक्किम में World Bank funded National Dairy Plan Phase II
  • आज हमारे लिए खुशी की बात है कि माननीय केन्द्रीय  गृह तथा सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह जी द्वारा सिक्किम राज्य में Manure Management योजना के प्रथम phase का उदघाटन  किया जा रहा है तथा दूसरे phase का भी शुभारंभ किया जा रहा है ।
  • Manure management interventions वास्तव में एक नया revolution है जो किसानों को multiple benefits provide करती है- जहां एक ओर flexi-biogas units से उन्हें cooking fuel मिल जाता है वहीं दूसरी ओर उन्हें अपने खेत के लिए fertiliser के तौर पर bio-slurry भी मिलता है। जल्द ही एक slurry processing centre की भी स्थापना की जाएगी जिससे किसान अपने surplus slurry को बेच कर  additional income भी प्राप्त करेंगे। इस slurry से solid और liquid organic fertiliser बनाए जाएँगे जिससे कृषि की उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी। 
  • परंतु अभी भी देश में अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर-पूर्वी राज्यों में डेयरी सहकारी नेटवर्क का विस्तार काफी कम  है। पूरे देश में लगभग 25% गांवों में दूध का सहकारी नेटवर्क है, जबकि North East क्षेत्र में  यह सिर्फ 2% गांवों तक सीमित है। 
  • मुझे बहुत खुशी है कि cooperative sector को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक नए मंत्रालय का गठन किया गया जिसकी ज़िम्मेदारी अमित शाह जी जैसे कर्मठ co-operator के हाथों में दी गयी। सहकारिता मंत्रालय से एनडीडीबी की निरंतर meetings और वार्ता हो रही हैं जिनका मुख्य उद्देश्य एकदम simple है- Cooperative sector को more efficient और effective बनाना और इसकी पहुँच को पूरे देश तक पहुंचाना। 
  • माननीय श्री अमित शाह जी का एक दिशा निर्देश हमें प्राप्त हुआ है- हर ग्राम पंचायत में एक multi-purpose primary level village cooperative का गठन जिसके अंतर्गत सहकारी डेरी को भी देश के हर ग्राम पंचायत में स्थापित किया जाये। NDDB  इसके लिए सहकारिता मंत्रालय के साथ एक विस्तृत कार्य योजना पर काम कर रही है। 
  • माननीय श्री अमित शाह जी के दिशा निर्देश एक और पहलू है- Cooperation among cooperatives जिसे सिद्धान्त से वास्तविकता की ओर ले जाने के लिए सहकारिता मंत्रालय और एनडीडीबी दोनों प्रतिबद्ध हैं। Getting rid of multiplicity of village level cooperatives/ leveraging economies of scale/ regional self-sufficiency/ action plan based on detailed studies/ efficient utilisation of resources और more importantly cooperative reforms। मुझे पूरा विश्वास है कि जिस commitment और approach के साथ आज सहकारिता के उपर कार्य हो रहा है- हमें कई नए revolutions देखने को मिलेंगे। 
  • आज NCDFI की तरफ से East तथा North Eastern क्षेत्र के best performing dairy cooperatives को पुरस्‍कारों के माध्‍यम से डेरी उद्योग में उनके योगदान के लिए भी सम्‍मानित किया जा रहा है। मैं NCDFI award के विजेताओं को उनके उत्‍कृष्‍ट कार्यों के लिए बधाई देता हूँ।

  • आज के इस cooperative dairy conclave में माननीय केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह जी,  श्री प्रेम सिंह तमांग जी, श्री संजीव बालयान जी की उपस्थिति से हम सभी डेरी cooperative सैक्टर के हितधारक काफी उत्साहित है । 
  • NDDB East तथा North Eastern Region के डेरी सैक्टर के विकास के लिए हर संभव प्रयास करता रहेगा यह मैं आपको सभी को विश्वास दिलाता हूँ । 

धन्यवाद।