श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी का भाषण - विश्व मधुमक्खी दिवस, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, एकता नगर 20 मई, 2022

माननीय, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, Shri Narendra Singh Tomar ji
गुजरात के माननीय कृषि मंत्री, Shri Raghavjibhai Patel ji
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार के सचिव Shri Manoj Ahuja, अतिरिक्त सचिव, Dr Abhilaksh Likhi, संयुक्त सचिव, Shri Ashwini Kumar, संयुक्त सचिव, Shri Samuel Praveen Kumar और Horticulture Commissioner, Dr Prabhat Kumar
Slovenia के Ambassador, Ms Mateja Ghosh
FAO के Representative Shri Konda Reddy Chaava
Dr R S Sodhi, MD, GCMMF
Dr Naveen Kumar Patle, Executive Director, National Bee Board
भारत सरकार तथा गुजरात सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण
ICAR, NDDB, MANAGE, NAFED and TRIFED के अधिकारीगण
विभिन्न दूध संघ, फ़ैडरेशन और अन्य संस्थाओं के अधिकारीगण
देश भर से आए मधुमक्खी पालक किसान भाइयों एवं बहनों।
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आज विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर आप सभी का हार्दिक अभिनंदन। सर्वप्रथम मैं कृषि एवं किसान कल्याण, National Bee Board को धन्यवाद देना चाहूँगा कि उन्होनें इस वर्ष इस सामारोह के आयोजन का स्थल Statue of Unity रखा गया है। इसका बहुत ही बड़ा symbolic महत्व है क्योंकि यह हमारे देश के integrated nationalism को दर्शाता है और हम में एकता का भाव पैदा करता है। यह हमें सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के उन प्रयासों की भी याद दिलाता है, जिन्होनें विभिन्न राज्यों को एक सूत्र में बांध कर एक देश के निर्माण करने में अहम भूमिका निभाई।

हमारी मधुमक्खियों का जीवन भी संगठन और united efforts का एक जीता जागता उदाहरण है। चाहे वो Worker हो या Drone या फिर Queen, इनका संयुक्त प्रयास ही इनको आगे बढ़ाता है।

हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश भर में शहद उद्योग को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर आहवाहन किया है और देश में ‘White Revolution’ के जैसे ही ‘Sweet Revolution’ लाने का vision दिया है। यह बहुत जरूरी है क्योंकि वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन एक ऐसी गतिविधि है जो न केवल शहद उत्पादन से, बल्कि beewax, propolis और honey bee venom इत्यादि जैसे अन्य उत्पादों से किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करता है। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कृषि तथा बागवानी के फसलों के cross-pollination (Pollination) के जरिये से उत्पादन बढ़ाने में इसकी भूमिका बहुत अहम है ।

मुझे खुशी है कि आज माननीय कृषि मंत्री जी की गरिमामई उपस्थिती में आज इस शुभ अवसर पर सभी संबन्धित institutions और Stakeholders यहाँ एक साथ यहाँ एकत्रित हुए हैं। निश्चित रूप से आज का यह आयोजन मधुमक्खी पालन को और प्रोत्साहित करेगा जो मधुमक्खी पालन कोहमारे देश में एक स्वतंत्र उद्यम (Enterprise) की तरह विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, सहकारिता के माध्यम से देश के डेयरी क्षेत्र को आगे बढ़ाने कि दिशा में निरंतर अग्रसर है। हमें यह भलीभाँति ज्ञात है कि चाहे वह दुग्ध उत्पादक हों या किसान, आज के इस दौर में जरूरी है कि उन्हें ‘multiple sources of income’ उपलब्ध कराया जाए। इनमें beekeeping as a activity का बहुत भी बड़ा role है।

हमने देखा है कि किसानों तक अपनी व्यापक पहुंच तथा जुड़ाव के कारण डेरी सहकारी संस्थाएँ, ग्रामीण इलाकों में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने का एक सक्षम माध्यम बन सकती हैं और इसी क्रम में NBB के सहयोग से NDDB देश के डेरी नेटवर्क के माध्यम से किसानों के बीच वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का निरंतर प्रयास कर रहा है । इन प्रयासों को कई स्तरों पर किया जा रहा है:

    • देश भर में National Beekeeping and Honey Mission के तहत वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे किसान beekeeping करने में पर्याप्त रूप से कुशल और skilled हो सकें, ताकि इस व्यवसाय को अपनाने में किसी भी तरह की विफलता की संभावना को कम किया जा सके। यह खुशी की बात है की देश भर के दुग्ध संघों का हमें सक्रिय सहयोग इसमें मिला है । 
    • इन कार्यक्रमों में हम स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि/बागवानी विश्वविद्यालय, क्षेत्र के प्रगतिशील मधुमक्खी पालकों, एनबीबी की सदस्य समितियों को भी शामिल कर रहे हैं, ताकि किसानों को सर्वोत्तम विशेषज्ञता उपलब्ध हो सके। अभी तक लगभग लगभग 1200 किसानों को शामिल करते हुए 40 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं ।
    • प्रशिक्षण के दौरान, किसानों को मधुमक्खी पालन से संबंधित केंद्र/राज्य सरकार की  योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी निर्देशित किया जाता है ताकि वो bee box, bee colonies, bee-keeping equipment इत्यादि को प्राप्त कर सकें।
    • इसके साथ साथ हम शहद प्रसंस्करण और परीक्षण सुविधाओं के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे (इनफ्रास्ट्रक्चर) के निर्माण के लिए  National Bee Keeping and Honey Mission के अंतर्गत  dairy cooperatives को प्रोत्साहित कर रहें हैं। 
    • कृषि मंत्रालय की वित्तीय सहायता से एक उच्च स्तरीय शहद परीक्षण प्रयोगशाला को CALF laboratory, NDDB में स्थापित किया गया है जिसका उदघाटन माननीय कृषि मंत्री जी के द्वारा ही किया गया था । हमें गर्व है कि जाँच की सारी सुविधाएं अब भारतीय शहद उद्योग के stakeholders और मधुमक्खी पालक किसानों के लिए देश में ही उपलब्ध हो रही है ।
      मुझे बहुत प्रसन्नता है कि आज माननीय मंत्री जी के द्वारा कुछ नए Honey Testing Labs और Processing Units को launch किया जाएगा, जो निश्चित रूप से हमारे honey की quality assurance में बहुत ही मददगार साबित होगी।

    • आने वाले समय में  एनडीडीबी का प्रयास रहेगा देश भर में शहद उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एनबीबी के सहयोग से infrastructure development में गति  लायी जाए। इसके अलावा, beekeepers/Farmers को organize कर किसान उत्पादक संस्थाओं (FPO) के गठन के लिए भी कार्य किया जा रहा है । कई क्षेत्रों में farmer mobilization का कार्य किया जा चुका है ओर उत्पादक संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है । चूंकि डेयरी सहकारी समितियों ने दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन का एक अच्छा value chain स्थापित किया है , उसी प्रकार उनके सहयोग से  शहद के लिए भी एक value chain स्थापित किया जा सकता है।
    • मधुमक्खी पालन में Farmer Producer Organization के निर्माण और घरेलू बाजार में Cooperative Network के मौजूदगी से  मधुमक्खी पालकों को लाभकारी मूल्य मिलेगा और consumers को भी उचित दरों पर Quality Product मिलेगा।

हमारा अनुमान है कि आने वाले समय में शहद (Honey) की मांग और बढ़ेगी और इसके मुख्य factors होंगे: 

    1. Consumers का Artificial Sweetener की जगह natural और healthy alternatives की तरफ preference
    2. Cane Sugar की जगह Honey के प्रयोग से होने वाले लाभ की जानकारी 
    3. विभिन्न प्रकार के Food products में honey का इस्तेमाल 
    4. Honey का Non-food use जैसे कॉस्मेटिक्स industry इत्यादि 

एनडीडीबी milk तथा milk products में शहद के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए New Product Development पर भी कार्य कर रहा है ।

आज यहाँ गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों से आए कई किसान भाई बहन उपस्थित हैं । मैं उनसे कहना चाहूँगा की जिस प्रकार देश में दूध क्रांति White Revolution लाने में उन्होनें अपना योगदान दिया, वैसे ही आज हम सबको सामूहिक प्रयासों से Sweet Revolution की तरफ आगे बढ़ना है । गुजरात में तुवर, मक्का, बाजरा, कपास, दिवेला, तिल, रायडो, ढाना, वरियाली, अजमो, सुवा, खरसानी, वेलावाला, सब्जियां, नारियल, जमरूख, नींबू, अनार आदि की खेती हो रही है। ये सभी फसलें मधुमक्खियों को फूलों का रस या पराग प्रदान करने में बहुत सहायक होती हैं और मधुमक्खी पालन के लिए बहुत उपयुक्त है। ऐसे क्षेत्रों में फूलों के समय मधुमक्खियों को स्थानांतरित करके अच्छा शहद उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, सिंचाई की बढ़ती उपलब्धता के कारण बागवानी फसलों के क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है, जिससे मधुमक्खी पालन को बढ़ावा मिलेगा ।

पूरे देश में मधुमक्खी पालन की अपार संभावनाएँ है । मुझे खुशी है केंद्र सरकार के द्वारा कृषि क्षेत्र तथा ग्रामीण विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को beekeeping से integrate करने का प्रयास किया जा रहा है। निश्चित रूप से इसके अच्छे परिणाम आएंगे ।

NDDB, NBB, दूध संघों तथा अन्य सभी stakeholder संस्थाओं के माध्यम से देश में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का प्रयास करता रहेगा, ऐसा मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूँ ।

आप सभी को फिर से बहुत बहुत धन्यवाद और नमस्कार।