एनडीडीबी ने कोविड-19 महामारी के दौरान डेरी प्रसंस्‍करण में स्‍वच्‍छता एवं सुरक्षा प्रबंधन पर वेबिनार का आयोजन किया

 

एनडीडीबी ने कोविड-19 महामारी के दौरान डेरी प्रसंस्‍करण में स्‍वच्‍छता एवं सुरक्षा प्रबंधन पर वेबिनार का आयोजन किया

20 मई 2020, आणंद: एनडीडीबी ने 19 मई 2020 को कोविड-19 महामारी के दौरान डेरी प्रसंस्‍करण में स्वच्छता एवं सुरक्षा प्रबंधन पर एक वेबिनार का आयोजन किया । इसका उद्देश्‍य इस तात्‍कालिक समस्‍या का समाधान करने के लिए डेरी उद्योग, शैक्षणिक संस्‍थाओं के प्रबुद्ध विद्वानों तथा नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाना, मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के उपायों पर विचार-विमर्श करना तथा इस महामारी के दौरान अवसरों को तलाशना है । इसका आयोजन डेरी किसानों, प्रसंस्‍करणकर्ताओं तथा उपभोक्‍ताओं को यह विश्‍वास दिलाने के इरादे से भी किया गया था कि कोविड-19 काल के बाद हम निश्चित रूप से मजबूती के साथ आगे आएंगे ।

इसके पैनलिस्‍ट के रूप में श्री मीनेश शाह, कार्यपालक निदेशक, एनडीडीबी; डॉ. जे बी प्रजापति, प्रधानाचार्य, एवं डीन, एसएमसी कॉलेज ऑफ डेरी साइंस, आणंद एवं श्री अमित व्‍यास, प्रबंध निदेशक, कैरा जिला सहकारी दूध उत्‍पादक संघ (अमूल डेरी) शामिल थे ।

श्री दिलीप रथ, अध्‍यक्ष, एनडीडीबी ने डेरी प्रोफेशनलों को लाखों दूध उत्‍पादकों को आय का साधन उपलब्‍ध कराने के लिए बधाई दी जिसके जरिए उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति होती है तथा उपभोक्‍ताओं को अपनी पोषण संबंधी आवश्‍यकताओं की पूर्ति हेतु दूध एवं दूध उत्‍पादों की प्राप्ति होती है । उन्‍होंने बताया कि किसानों की परेशानी को कम करने के लिए डेरी सदैव कार्यरत है तथा आगे भी कार्यरत रहेगी, जिस पर उपभोक्‍ता भरोसा कर सकते हैं ।

श्री मीनेश शाह ने कहा कि डेरी क्षेत्र को इस संकट को अवसर में बदलने की आवश्‍यकता है । कोविड-19 के प्रभावों को प्रबंधित करने के लिए डेरी मूल्‍य श्रृंखला के प्रत्‍येक चरण में एकीकृत शिक्षण एवं विकास प्रणाली की आवश्यकता है । उन्‍होंने डेरी फार्म, संकलन केंद्रों, परिवहन एवं डेरी प्रसंस्‍करण इकाइयों पर दूध उत्‍पादन से लेकर स्‍वच्‍छता एवं साफ-सफाई बनाए रखने के महत्‍व पर प्रकाश डाला । हमारा लक्ष्य उपभोक्‍ताओं की इस मान्यता को पुष्ट करना होना चाहिए कि सहकारी ब्रांड उत्‍तम गुणवत्‍ता का द्योतक है ।

श्री अमित व्‍यास ने इस महामारी के दौरान डेरी संचालनों के प्रबंधन पर अपने अनुभव साझा किए । उन्‍होंने विस्तार से बताया कि कैसे अद्यतन प्रौद्योगिकियां जैसे कि डिजिटल संचार माध्‍यम एवं डिजिटल कॉन्टैक्‍टलेस सिस्‍टम (ऑटो सैनिटाइजर, डोर कंट्रोल, लाईट कंट्रोल, कॉंन्टैक्‍टलेस लिफ्ट इत्‍यदि ) व्यावसायिक निरंतरता को बरकरार रखने में मददगार साबित हो सकती हैं । डॉ. प्रजापति ने बताया कि दूध एवं दूध उत्‍पादों समेत कोई आहार (आइसक्रीम सहित) कोविड-19 का वाहक नहीं है । संक्रमण से बचने के लिए उपभोक्‍ताओं को फूड पैक की बाहरी सतह को धोना चाहिए ।

विशेषज्ञों ने अनेक पहलुओं से संबंधित प्रश्‍नों के उत्‍तर दिए जैसे कि प्रतिरोधक क्षमता के विकास में दूध एवं दूध उत्‍पादों की भूमिका, क्‍या कोविड-19 वायरस का मानव से पशुओं में संक्रमण होता है, डेरियों द्वारा लांच किए गए नए उत्‍पादों पर कोविड-19 का प्रभाव, इस्तेमाल में लाए गए सैनिटाइजर की सुरक्षा, किसानों के भुगतान में कमी, बाजार-भावों पर प्रभाव, कुशल डेरी संयंत्र संचालन के उपाय, जहां दूध उत्‍पादन में कमी आई है, कोविड-19 के संबंध में डेरी क्षेत्र को सरकारी सहयोग की उपलब्‍धता इत्‍यादि । 850 से अधिक ऑनलाइन प्रतिभागियों के साथ, इस वेबिनार को एक सकारात्‍मक प्रतिक्रिया मिली ।