मणिपुर के माननीय राज्यपाल ने एनडीडीबी द्वारा प्रबंधित मणिपुर मिल्क प्रोड्यूसर्स’ कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड के नए ब्रांड नेम, लोगो तथा दूध एवं दुग्ध उत्पादों का किया शुभारंभ

मणिपुर के माननीय राज्यपाल ने एनडीडीबी द्वारा प्रबंधित मणिपुर मिल्क प्रोड्यूसर्स’ कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड के नए ब्रांड नेम, लोगो तथा दूध एवं दुग्ध उत्पादों का किया शुभारंभ

17 सितंबर 2025, आणंद: मणिपुर के माननीय राज्यपाल श्री अजय कुमार भल्ला ने 17 सितंबर 2025 को इम्फाल स्थित राजभवन में मणिपुर मिल्क प्रोड्यूसर्स’ को-ऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड  के नए ब्रांड नेम और लोगो – “मणिपुर डेयरी” का अनावरण किया। इस लॉंच से मणिपुर डेयरी को एक नई पहचान मिली है, जो किसानों और उपभोक्ताओं की सेवा के प्रति इसके नए संकल्प को दर्शाती है। यह कार्य राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के पेशेवर प्रबंधन के तहत किया जा रहा है। इस अवसर पर, मणिपुर सरकार के मुख्य सचिव श्री पुनीत कुमार गोयल, एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह के साथ ही, मणिपुर सरकार एवं एनडीडीबी के वरिष्ठ अधिकारी, मणिपुर डेयरी  के प्रतिनिधि और सहकारी समितियों की महिला दुग्ध उत्पादक किसान भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर, माननीय राज्यपाल ने नए दूध उत्‍पादों की किस्में भी लॉन्च की, जिसमें काऊ स्पेशल मिल्क (500 मिलीलीटर) और हेल्थ प्लस डबल टोंड मिल्क (150 मिलीलीटर) शामिल हैं। इसके साथ ही, कई मूल्यवर्धित दुग्ध उत्पादों का भी शुभारंभ किया, जिनमें प्रोबायोटिक दही (400 ग्राम एवं 100 ग्राम), स्पेशल लस्सी (200 मिलीलीटर) और गाय का घी (250 ग्राम एवं 500 ग्राम) शामिल हैं। ये उत्पाद उपभोक्ताओं के बदलते स्वाद और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकसित किए गए हैं, साथ ही इससे दूध उत्पादकों के लिए अधिक आय भी सृजित होगी।

ब्रांड और उत्पादों के शुभारंभ के अलावा, माननीय राज्यपाल ने मणिपुर डेयरी में एनडीडीबी की स्वचालित दुग्ध संकलन प्रणाली (एएमसीएस) और डेयरी ईआरपी प्लेटफ़ॉर्म का वर्चुअल शुभारंभ भी किया। ये डिजिटल उपकरण पारदर्शिता को बढ़ाने, गुणवत्ता-आधारित दुग्ध संकलन को सुनिश्चित करने तथा किसानों के बैंक खातों में सीधे डिजिटल भुगतान की सुविधा देकर वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करेंगे। माननीय राज्यपाल ने ककचिंग में 2 किलोलीटर क्षमता वाले बल्क मिल्क चिलिंग सेंटर का भी उद्घाटन किया, जिससे दूध की गुणवत्ता बनाए रखने और ग्रामीण क्षेत्रों में संकलन का विस्तार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने श्‍वेत क्रांति 2.0 के अंतर्गत ककचिंग जिले में पूर्णत: महिला सदस्‍यों वाली पांच नई महिला डेयरी सहकारी समितियों के गठन की भी घोषणा की। इन समितियों को स्वचालित दुग्ध संकलन इकाई (एएमसीयू) और डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। यह पहल ग्रामीण महिलाओं का सुदृढीकरण करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और डेयरी व्यवसाय में सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सभा को संबोधित करते हुए, श्री भल्ला ने एनडीडीबी के प्रबंधन के अंतर्गत मणिपुर में डेयरी विकास की तीव्र प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अनुकूल कृषि-जलवायु परिस्थितियों और लगभग 2.6 लाख पशुधन की उपलब्धता को देखते हुए मणिपुर में डेयरी क्षेत्र की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने अप्रैल 2025 में मणिपुर मिल्क यूनियन का प्रबंधन एनडीडीबी को सौंपने के लिए मणिपुर सरकार के साहसिक एवं दूरदर्शी निर्णय की सराहना की और इसे राज्य में सहकारी दुग्ध आंदोलन के लिए बड़ा  बदलाव है।

उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में एनडीडीबी ने अनेक सुधार और कार्यक्रम शुरू किए, जिनके परिणाम दिखाई देने लगे हैं। नए उत्पादों का शुभारंभ, महिला डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना, दुग्ध संकलन की डिजिटलीकरण प्रक्रिया तथा आधारभूत अवसंरचना का विस्तार न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि मणिपुर में पोषण सुरक्षा और ग्रामीण समृद्धि में भी योगदान देगा। वास्तव में, यह आत्मनिर्भरता की सामूहिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने मणिपुर मिल्क यूनियन को समर्थन देने की एनडीडीबी की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि यूनियन को स्‍थापित करने के लिए एनडीडीबी ने वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की है, जिसमें 3 करोड़ रुपये का अनुदान तथा 5 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्‍त ऋण री-वाइटलाइजिंग प्रॉमिसिंग प्रोड्यूसर-ओन्ड इंस्टीट्यूशन्स (RPPOI) योजना के अंतर्गत दिया गया। इस सहयोग से किसानों के लम्बित देय का भुगतान करने, प्रसंस्करण सुविधाओं के विकास और कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने में मदद मिली है। डॉ. शाह ने यह भी बताया कि एनडीडीबी ने प्रशासन, संचालन और उत्पाद विविधीकरण की देखरेख के लिए इम्फाल में वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया है, ताकि यूनियन का विकास पेशेवर तरीके से सुनिश्चित किया जा सके।

एनडीडीबी के व्यापक सहयोग पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. शाह ने कहा कि एनडीडीबी ने प्रबंधन शुल्क माफ किया है, मणिपुर के अधिकारियों के लिए आणंद, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सफल डेयरियों के प्रशिक्षण और एक्‍सपोजर भ्रमण में सहायता की है और चारा विकास, पशु स्वास्थ्य और खाद प्रबंधन में सर्वोत्तम पद्धतियों को लागू किया है। उन्होंने कहा कि अक्तूबर 2025 तक, मणिपुर डेयरी असम राइफल्स को दूध की आपूर्ति शुरू कर देगी, जिससे डेयरी विकास राष्ट्रीय सेवा के साथ जुड़ जाएगा। इससे न केवल हमारे सशस्त्र बलों को गुणवत्तापूर्ण पोषण मिलेगा, बल्कि हमारे किसानों के लिए एक स्थिर बाज़ार भी खुलेगा।

एनडीडीबी के नेतृत्व में, संघ ने अपनी खुदरा उपस्थिति को मज़बूत करने के लिए भी कदम उठाए हैं। इम्फाल और अन्य शहरों में 'मिल्क एंड मोर' रिटेल बूथ स्थापित करने की योजनाएं चल रही हैं ताकि उपभोक्ताओं की पहुंच को बढाया जा सके। मणिपुर डेयरी के पुनःब्रांडिंग से उपभोक्ताओं का विश्वास मज़बूत होगा और सहकारी संस्था शुद्ध, पौष्टिक डेयरी उत्पादों के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित होगी। यह मणिपुर को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने, साथ ही राज्य के लोगों के लिए स्थायी आजीविका का सृजन करने और गुणवत्तापूर्ण पोषण सुनिश्चित करने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक कदम है।